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gaalab
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Posted on 07-11-06 9:30
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चौतारी!चौतारी !! चौतारी !!! कैयौं उकाली ओरालीहरू पार गर्दै चौतारी १८ औं संस्करणमा आईपुगेको छ। कथा, कविता, गीत, गजलहरूले गुञ्जायमान हुँदै, हँस्सी मजाक,खुशी, चुट्किलाहरूले सिंगारिदै चौतारीले गाम्लेहरूबाट पाएको मायाले नै यहाँसम्म पुग्न सफल भएको हो। सबैको साझा चौतारीमा नेपे दाजी,बिर्खेमाइला, दादा, पुन्टे, काका, नमे, सिरे, भौते, गोतामे, मास्टर्नी नानी, मुन्द्रे, लाले, गालब , पिकरेली, कलंकि, साँहिला, आइते, मुखियाबा, लालुपाते, गुरासे, लाउरे दाई, लुते, नटे, डल्ली, सेर्पिनि, लन्लि, रामकिस्ने, रुइना, नेप्चे, बेमानि ,आशे, चिप्ले, परदेशी, पानपाते ,हर्के, यामे , सुभे, ठुल्नानि, प्रिती हिते ,नारने, कैले, तिर कुमारी, चरीनङ्रगे, बब दाई, ईश्वर, सान्कान्छा, राते, हिते, रामे, मने, इन्द्रेणी,हिमाल, कुम्ले, चित्रे, फोक्से, डि बी र मिस्टे तथा साझा-चौतारी हेर्न आउनुहुने यहाँहरु सबैलाई चौतारी परिवारकोतर्फबाट हार्दिक स्वागतम् यस संस्करणमा रमणीय सहर पोखराको ताल-बाराही मन्दिरमा अवस्थित चौतारी छानिएको छ। आउनुहोस्, यो गर्मीको पसिना फेवातालको पानीले पखाल्नुहोस्। अनि चौतारीमा बसी नाच्नुहोस्, गाउनुहोस् अनि रमाउनुहोस्। यसचोटीको चौतारीमा पुग्नको लागि डुङ्गाको आवस्यकता पर्छ। सहयोग चाहिएमा यो गालब डुङ्गा खियाउन हाजिर छ।
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Tyra
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Posted on 07-12-06 4:44
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कुम्ले साह्रै राम्रो कबिता।ल ल अझ जवोस् :) अनि पुन्टे दाइ दुख लाग्यो तपाइको कुरा सुन्दा:( येस्तै रे छ यो मुल्काँ बाचुन्जेल् को मस्ति मरेपछि सास्ति ।हरे मलाइ त्यो मेशिन् मा हालेर खरानि बनाएको कुरोसुन्दा जस्तो नरमाइलो केहि लाग्दैन . ठुल्नानि केर्दैछौ ;) ? चित्रे तपाइपनि पक्का आशुकबि हुनुहुदोरहेछ ,सबै पढि रा'छु। भौते दाइ कता हराउनु भो।
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Amazing
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Posted on 07-12-06 5:22
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धेरै पछै चौतारिमा आयको एऊटा गित त गाउनै पर्यो आठे। बल्ल बल्ल भेट भाको दिन, सङ्लो पानि धमिलो मन किन खै फुल चल्यो बासना ...............
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world_map
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Posted on 07-12-06 5:28
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ए आइतेऽऽऽ, क्या हो, धेरै दिनपछि देखा पर्यौ नि चौतारीमा, तिम्रो रोल नं ३ होइन? अनि के छ हालखबर, अचेल त मौसम राम्रो होला नि उत्तरतिर? ल, म त सुत्न गएँ अहिले, शुभरात्री!
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CaMoFLaGeD
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Posted on 07-12-06 9:06
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तितौरी थ्याङ्क्यु!! :पि मन को कुरो लेखेको त कबिता पो भन्छिन। तिमी सुटुक्क आउने अनि मलाइ खबर नि नगरी जाने। :( चित्रे को अरु कबिता जाओस न। :) :-)>
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Tyra
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Posted on 07-12-06 9:25
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हा हा हा मनकै कुरा हो त? हरे कसरि बुझ्नु नि मैले ;-) म सुटुक्क आइ रे ल तेत्रो हल्ला गर्दै आएर बोलेर बसेर गरे ,बरु तपाइ कता हो देखिन नि ,कतै फेवा सयर गर्दै हुनुहुन्थिओ कि बोट् मा। गहिरो गहिरो सागर् जस्तै गीत् गाउदै:P
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CaMoFLaGeD
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Posted on 07-12-06 10:05
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लौ कसरी बुझ्नु रे? :ओ मनको कुरो बुझ्न के गार्हो पर्थ्यो र? हृदयको ढोका खोलि दिए मनमा ठाउँ राखी दिए! मनको कुरो बुझ्न के गार्हो पर्थ्यो र? सङ्गै बसि माछापुछ्रे हेरी दिए माझी दाइ को गाना सुनी दिए!! :-)>
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gaalab
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Posted on 07-12-06 10:36
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काल महिमाको कुरा आइको थियो के रे; ल यहाँ छ। http://www.nepalikavita.com/utkrista-kavita/KaalMahimabyLekhnathPaudyal.pdf
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uptowngal
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Posted on 07-13-06 7:05
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रोल #६ ठुल्नानी हाजिर मिस्
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Pretty
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Posted on 07-13-06 8:09
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Roll # 5 Pretty Hajir mis.
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world_map
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Posted on 07-13-06 8:12
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रोल नं ८ चित्रेऽऽऽऽ हजूऽऽऽऽर मास्टर्नी दिदीऽऽऽऽ :)
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Dada_Giri
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Posted on 07-13-06 8:49
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आज भानु जयन्ती रे! कविता सुनुम् न मिस।
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Pretty
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Posted on 07-13-06 8:54
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dada kechha? bunu kaha chhe ahile? photo dekhaunus na.
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Dada_Giri
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Posted on 07-13-06 9:02
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धन्यबाद पिरतीजी! अब आउने बेला भो। फोटु ठुलो ठुलो मात्रै छ बा। अलि पछि टाँस्छु नि है। राम्री छे हजुर जस्तै। :)
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Dada_Giri
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Posted on 07-13-06 9:08
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"छहारी"
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Dada_Giri
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Posted on 07-13-06 9:13
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"छहारी"
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Pretty
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Posted on 07-13-06 9:13
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:) मेरो नाम मात्रै राम्रो हो। चाडैँ नै देखाउनुस् न फोटो, ठुलो भए सानो बनाउनुस् न। मेरो तर्फ बाट धेरै hug n kichhu है बुनुलाइ।
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Dada_Giri
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Posted on 07-13-06 9:14
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"छहारी"
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world_map
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Posted on 07-13-06 9:32
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दादा, राम्रा फोटाहरू टाँस्नुभो नि छहारीहरूको, आउँदा चौतारीका लागि हो कि? ल, छोरीको फोटो पनि टाँस्नुस् न। अब चैं म कविता भन्दा कथा लेखम् कि भनेर सोचिरा'। कथा चैं म सानो हुँदाको अनुभवहरू सँगालेर लेख्नु पर्ला, पिरेम सिरेम चैं हैन, अलिकति बाल मनोविज्ञान भनुम् कि बालककालका संस्मरण। तर लेख्न चैं ट्याम लाग्न सक्छ है! :) अब भानु जयन्तीको मौकामा यौटा कविता चैं लेखें तर पूरा लेख्या छैन हतारमा। ल ठूल्नानी तिम्रो लागि है यो कविता! कस्तो लाग्यो भनम् है गाम्लेहरू! :) भौतारिने मन छैन स्वतन्त्र आकाशमा उडेर बन्द गर न मलाई दिलको तिम्रो पिँजडामा हराउने मन छैन बेरोकटोक जताततै घुमेर बाँधिराख न मलाई मोहको तिम्रो मायाजालमा।
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nepesahila
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Posted on 07-13-06 9:37
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चौतारीमा सबैलै नमस्कार यो साहिलाको। आज भानु जयन्तीको उपलक्ष्यमा मैले श्रीगणेश गर्दि है त। चपला अबलाहरु एक सुरमा गुणकेशरीको फुल लि शिरमा हिडन्या सखीलि कन वरिपरी अमरावती कान्तिपुरी नगरी।
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miss_ me
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Posted on 07-13-06 10:07
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pretty iam waiting for your reply. ma jastai email haru herne bani chhaina ki kaso ??:D :D dada bunuko foto herum na :D
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